बिसौली(बदायूँ)
नगर पालिका चुनाव बिसौली में बीते 10 सालों से समाजवादी अपना डेरा जमाए हुए है।सूत्रधार की माने तो समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अबरार अहमद का नगर बिसौली में अपना अलग ही वर्चस्व है।यही बीजेपी अब तक जब अबरार अहमद को नही हरा पाई तो नगर पालिका परिषद के चुनाव में ब्राह्मण ट्रेक पर खेलना शुरू कर दिया।नगर पालिका चुनाव अबरार अहमद से महज 7सौ कुछ बोटों से भाजपा की सरिता वार्ष्णेय चुनाव हार गई।इसके बाद इनके पति जिला उपाध्यक्ष दुर्गेश वार्ष्णेय द्वारा लगातार नगर की जनता की सेवा की।इधर सविता शर्मा ने भी विधानसभा चुनाव से लगातार पार्टी के लिए समर्पित रही।यही नही दोनों ही प्रत्याशियों द्वारा पार्टी द्वारा बताए गए कार्यक्रमो के बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।पर जब कल तक अपने आप को बरिष्ठ ब्राह्मण नेता कहने बाले आज तक किसी ब्राह्मण के काम नही आये।पर जब बीजेपी का मूड उन्हें लगा की ब्राह्मण पर दांव खेला जाएगा।तो पहले तो गांव से जिला मुख्यालय पर किराए पर रहना शुरू किया इसके बाद नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया तो फिर उस ब्राह्मण नेता द्वारा नगर पालिका बिसौली में ही अपना कमरा किराए पर ले लिया और दावेदारी ठोक दी।जो अपने आप को ब्राह्मण नेता कहता है उस ब्यक्ति ने किसी समय ब्राह्मणों को सरेआम गालियां दी ऐसे ब्राह्मण को भाजपा अगर प्रत्याशी बनाती हो तो क्या होगा उसे तो ईश्वर जाने।बहारी ब्राह्मण आज तक न कोई पार्टी द्वारा निर्धारित कार्यक्रम किया न कभी जनसभा आखिर ऐसे यक्ति को टिकट क्यो??चुनाव आने के बाद ही ब्राह्मण बोटों पर राजनीति शुरू करने बालो अब ब्राह्मण आपके कहने में नही चलेगा अब ब्राह्मण बो ब्राह्मण नही जो हमेशा लुटता रहेगा।सूत्रों के अनुसार भाजपा के पैनल में नाम तीन ब्यक्तियो के ही गए है,पर अपने आप को जिलाध्यक्ष कहने बाले डुप्लीकेट ब्राह्मण नेता का नाम ही जिले से ही एड किया गया है।क्योंकि नगर की जनता 1%इसे चाहती है नही है।
0 Comments