बिसौली(बदायूँ)
विवेचना में लापरवाही बरतने के कारण कोतवाल बिसौली ऋषिपाल सिंह, क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर अर्जुनं सिह यादव व एसएसआई प्रदीप विश्नोई के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट बिसौैली के न्यायालय में प्रकीर्ण वाद दर्ज किया गया है। जिसमें तीनों को नोटिस जारी कार 8 अप्रैल को न्यायालय उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।यहां बता दें कि नगर निवासी मनोज कुमार अग्रवाल ने न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर मुकदमे में कहा है कि कुछ लोगों ने उनके हिस्से की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है व उसका हिस्सा हडप लिया है। इसके संबंध में मनोज अग्रवाल ने एक मुकदमा 233/2019 धारा 420, 467, 468 व 471 आईपीसी के अंतर्गत दर्ज कराया है। इस मामले में तत्कालीन उपनिरीक्षक पुष्पेंद्र कुमार ने मामले में एफआर लगा दी थी।इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट बिसौली ने एफआर को क्वेश करते हुए पुर्नविवेचना का आदेश दिया। इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट बिसौली ने कहा उपनिरीक्षक व तत्कालीन क्षेत्राधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही को लिखा था, तथा न्यायलय में प्रकीर्ण वाद के रूप में धारा 23/29 पुलिस अधिनियम के अंतर्गत परिवाद दर्ज किया गया। इसके बाद विवेचना अर्जुन सिंह यादव को दी गई लेकिन अर्जुन सिंह यादव ने फिर से विवेचना में नियम विरूद्ध एफआर लगा दी। इस वाद पत्र में लिखा है कि न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 15.11.2021 में स्पष्ट निर्देष दिया और यह पूंछा कि प्रार्थी का शेष 1/12 भाग कहां गया और किसे और कब प्राप्त हुआ।इस मामले में आगे लिखा गया है कि विवेचक प्रदीप कुमार विश्नोई ने मा0 न्यायालय के आदेश को ना मानते हुए हठधर्मिता पूर्वक पुलिस रेगूलेशन मे उल्लिखित नियम 122 का उल्लंघन करते हुए बिना उचित माध्यम (पुलिस अधीक्षक, पुलिस क्षेत्राधिकारी से एफआर छिपाते हुए) सीधे न्यायालय में दायर कर दी। याची ने न्यायिक मजिस्ट्रेट बिसौली नगमा खान से गुहार लगाते हुए मांग की है कि यूपी पुलिस एक्ट की धारा 23/29 के अंतर्गत नोटिस जारी कर वाद सबूत दण्डित करने की मांग की है। न्यायिक मजिस्ट्रेट नगमा खान ने मुकदमा दर्ज कर आठ मार्च को उपस्थित होने का आदेश दिया है।
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