बिसौली(बदायूँ)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है कि पूरा प्रदेश अवैध कब्जों से मुक्त हो लेकिन एसडीएम बिसौली फेल हैं या फिर कोई मजबूरी है कि दबंगों के अवैध कब्जे से सीकरी गांव की चरागाह की जमीन कब्जा मुक्त नहीं करा पा रही हैं। इसके लिए गांव के ही एक अधिवक्ता प्रदीप उपाध्याय बीती 22 अगस्त से धरने पर बैठे हैं।
यहां बता दें कि बदायूं जनपद की तहसील बिसौली के गांव सीकरी में चरागाह की 205 वीघा भूमि है जिस दर्जन भर दबंगों का कब्जा है। चूंकि गांव में गौशाला बनी हुई है। इसके लिए अधिवक्ता प्रदीप उपाध्याय का कहना है कि इस भूमि की नीलामी करने के बाद इससे होने वाली आय से गौशाला कर खर्चा किया जाए।कई बार शिकायतें करने व धरने की बात कहने पर जून में एसडीएम बिसौली ने इस चरागाह की 112 वीघा जमीन को नीलाम किया। एक व्यक्ति ने यह भूमि लगभग पौने दो लाख रूपए में ले ली। इसके बाद नीलामी में जमीन प्राप्त करने वाले को 112 में से 80 वीघा जमीन पर ही एसडीएम बिसौली कब्जा दिला पाईं थीं। इस भूमि की जुताई कराने के बाद उसने उडद की फसल बो दी है। इसके बाद शेष भूमि अभी भी दबंगों के कब्जे में है। इस जमीन को लेकर प्रदीप उपाध्याय ने 16 अगस्त से अन्न त्याग कर दिया है। इसके बाद 22 अगस्त से वह 25 अगस्त से धरने पर बैठे हुए हैं। लेकिन एसडीएम ज्योति शर्मा कुछ भी नहीं कर रही हैं या कर पा रही हैं। एसडीएम बिसौली ने सोमवार को शेष भूमि दबंगों के कब्जे से मुक्त कराने के बाद नीलाम की गई भूमि की नीलामी निरस्त कर दी। जिसका उन्हें अधिकार नहीं है। बिना किसी कारण के नीलामी निरस्त करने का उन्हें किसी प्रकार कोई अधिकार नहीं हैं।इससे नीलामी प्राप्त कर्ता का फसल जोतने में खर्च हुई रकम कौन देगा। लेकिन लगभग 95 वीघा जमीन अभी भी दबंगों के कब्जे में बनी हुई है। मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के बावजूद भी इस भूमि को एसडीएम कब्जा मुक्त नहीं करा पा रही हैं। यह उनकी मजबूरी है या फिर मनमानी यह समझ से परे महसूस हो रहा है। एसडीएम ज्योति शर्मा ने अपने अधिकार से परे जाते हुए जमीन को खंड विकास अधिकारी को चरागाह के लिए सौंप दिया है। यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। गांव सभा की भूमि का ग्राम प्रधान अध्यक्ष व सचिव लेखपाल होता है। फिर एसडीएम ने किस अधिकार से यह भूमि खंड विकास अधिकारी को सौंप दी। जिस भूमि को एसडीएम बिसौली कब्जा मुक्त नहीं करा पा रही हैं उस भूमि को खंड विकास अधिकारी किस तरह से कब्जा मुक्त करा पाऐंगे। मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट एवं अधिवक्ता प्रदीप उपाध्याय का अनशन फिर भी जमीन दबंगों के कब्जे से मुक्त ना हो पाना प्रदर्शित करता है कि या तो गांव सीकरी के चरागाह की 205 वीघा भूमि एसडीएम बिसौली कब्जा मुक्त कराना नहीं चाह रही हैं या फिर वह उनकी कोई मजबूरी है। इस संबंध में एसडीएम ज्योति शर्मा ने बताया कि थोडी सी जमीन पर अवैध कब्जा है, शेष जमीन खाली है। कुछ लोगोें ने थोडी सी जमीन पर धान बो रखे हैं उनके खिलाफ राजस्व संहिता धारा 67 की उपधारा 1 के अंतर्गत कारवाई की गई है। पूरी जमीन को नापने के लिए 10 सितंबर की तिथि तय की गई है उस दिन मैं व अन्य लोग उपस्थित रहकर पूरी जमीन की नाप कराऐंगे। जमीन की नीलामी निरस्त कर दी गई है। नीलामी प्राप्तकर्ता अपनी बात कह सकता है वैसे उसका पूरा पैसा वापस किया जाएगा। अब यहां किसकी बात सही है एसडीएम बिसौली कह रही हैं कि पूरी जमीन खाली है केवल कुछ हिस्से पर कब्जा है जबकि प्रदीप उपाध्याय का कहना है कि कुछ जमीन खाली है शेष जमीन पर दबंगों का कब्जा है,वो अभी कब्जा मुक्त नही हुई है।और नाही अभी तक लेखपाल पर कोई कार्यवाही नही हुई।
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