आज श्री राम के नाम की महिमा का गुणगान हम जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में देखते हैं। चाहे वह राजनीतिक सामाजिक अथवा धार्मिक क्षेत्र हर जगह बस जय श्री राम का नाम हमें सुनाई दे जाता है। परंतु क्या हमने कभी ये जानने की कोशिश की,कि राम नाम को ही क्यों आधार बनाया जाता है ? शायद, इसलिए क्योंकि वह आस्था के केंद्र बिंदु है। जीवन काल में ही नहीं राम तो मनुष्य के साथ अनंत काल तक हैं। जीवन भर पूजा-पाठ भले ही न किया जाए। राम का नाम भले ही न लिया जाए। परंतु मरने के बाद श्री राम का नाम ही सत्य है यही हर जगह कहा जाता है। तो क्या यह शब्द उस मृत व्यक्ति के लिए होते हैं ? नही, कहीं ना कहीं यह शब्द उस शव यात्रा में शामिल लोगों को सच्चाई का भान कराना चाहते हैं कि पूरे जीवन चाहे जिसे अपना मान लेना परंतु जीवन की आखरी सच्चाई राम ही हैं। यूं ही नहीं राम इतने महान हैं वह तो मानव जाति का कल्याण है। पूरा जीवन त्याग में बताएं जिससे समाज को एक अच्छी और सच्ची सीख मिले। अपने त्याग से मर्यादा स्थापित की। परंतु समाज ने इस से सीखना है लेकर इस नाम को ही बदनाम करती है अक्सर हमने देखा है कि लोग भगवान श्री राम के जीवन से सीखना लेकर उनके नाम पर गलत काम करते हैं धोखाधड़ी इधर उधर की बात अन्याय। श्री राम नाम जपने से ही कोई राम का प्रिय नहीं बन जाता बल्कि राम जैसा जीवन जीकर ही राम का प्रिय बना जा सकता है। श्रीराम के कोई भी एक गुण को अपनाने भर से जीवन सफल हो जाता है। अयोध्या की सत्ता अगर वह स्वीकार कर लेते तो राजा राम बन जाते परंतु सत्ता को ठोकर मार कर वह हर दिल के राजा बन गए।पूरी दुनिया में श्री राम जैसा व्यक्तित्व आज तक नहीं हुआ।उनके भक्त तो असंख्य हैं,परंतु श्री राम का भक्त होने का अभिमान करते हैं। खुद को राम समझ बैठते हैं।परंतु वे श्री राम नाम की महिमा,उनका व्यक्तित्व समझने की कोशिश नहीं करते। एक अच्छे शासक का यही तो गुण होता है दुखी पीड़ितों के द्वार पर स्वयं पहुंच जाए। अच्छा पुत्र वही तो होता है जो पिता के सम्मान की रक्षा के लिए वन-वन जाने को तैयार हो जाए। अच्छे भाई का यही तो गुण होता है जो अपने भाई को सुख देने के लिए स्वयं सुखों को छोड़ दें। एक अच्छे व्यक्तित्व का यही तो गुण होता है कि वह सभी को समान रूप से प्रेम दें।
एक आदर्श पुत्र, आदर्श पिता, आदर्श भाई,आदर्श पति,आदर्श शिष्य,आदर्श मित्र,आदर्श राजा सभी गुण श्रीराम के भीतर थे। और यदि उनका एक भी गुण आपके भीतर आ जाए तो समझना आपने रामायण पूरी पढ़ ली। पर करुणा यह है कि आज लोग राम को मानते हैं पर राम की नहीं मानते।धर्म क्या है ? भगवान राम के संपूर्ण जीवन को देख लो,समझ आ जाएगा।वर्तमान समय में जिस सोशल मीडिया का उपयोग करके राजनीतिक और अराजनीतिक रूप से लोग एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, इसी समय अवधि में सोशल मीडिया पर ही ऐसा समूह भी है जो, चरित्र निर्माण और शिक्षा अभियान के लिए संकल्पित हो समाज में नई चेतना का पर्याय बन रहा है.
विभिन्न विषयों पर सतत कार्य शालाओं के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति के अंदर छिपे हुए राम और कृष्ण को बाहर निकालने में, प्रत्येक व्यक्ति में सुदामा और केवट की भूमिका को तलाश करने वाला यह कार्यक्रम डॉ सत्या होप टॉक, आज आओ अपने राम गढ़े कार्यशाला के माध्यम से सभी लोगों को वर्तमान परिवेश में रामचरित्र को अपने जीवन में उतारने के लिए प्रेरणा दे रहा है।
लेखिका
आकांक्षा शर्मा
शिक्षिका एवं साहित्यकार
DrstyaMEET सदस्य
Expert- SHARP
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