लेखक :अखिलेश कुमार मिश्रा
बिसौली(बदायूँ)
जिले की बिसौली विधानसभा सीट पर ज्यादातर समाजबादी पार्टी का कब्जा रहा है।जहाँ से एक बार राष्ट्रीय परिवर्तन दल से डीपी यादव की पत्नी उर्मिलेश यादव ने चुनाव लड़ा और जीत हांसिल की।इसके बाद दुबारा फिर यह सीट समाजबादी के खाते में चली गयी।2012 में यह सीट सुरक्षित हो गयी जिसमे आसुतोष मौर्य ने समाजबादी पार्टी से जीत हांसिल की ।पर 2017 में हर हर मोदी के नाम का फायदा योगेंद्र सागर अपने बेटे को चुनाव लड़ाकर ले गए ।मोदी लहर में कुशाग्र सागर ने जीत दर्ज की।क्योकि जनता आतंक से परेशान हो चुकी थी।इसके बाद कुशाग्र सागर के बिधायक बनने के बाद विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ अपनी बढ़त युवा पीढ़ी में बनाई जिनका कोई अस्तित्व ही नही था।इसके अलाबा कुशाग्र सागर द्वारा उन्हें ज्यादा बढ़ावा दिया गया जिन्होंने 2017 में समाजबादी की लुटिया को डुबो दिया उसके बाद 2022 में भाजपा प्रत्याशी की लुटिया को डुबो दिया।और किसी से बिधायक के लिए बात करने अथबा समस्या सुनने का टाइम नही था।आखिर मोदी अथबा योगी के नाम पर जनता कब तक बोट करेगी,जब प्रतिनिधि चुना तो प्रतिनिधि ने सोचा नही और अब जनता करे तो करे क्या।
चुनाव हारने के पहला कारण
विधानसभा क्षेत्र में मध्यम वर्ग के लोगो के लिए भराव के लिए मिट्टी डलवाने के लिए चक्कर लगाने पड़ते है इतने चक्कर लगते है की पैरों की चप्पल गिस जाती है पर मिट्टी नही पड़ पाती।पर नेताओ के लिए नही कोई परमिशन की जरूरत थी और नाही किसी आदेश की पूरी रात धरती का सीना चीरने का ठेका ले लिया था बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने,इस से भी लोगो मे एक धारणा पैदा हुई।
नगर में जुआ और सट्टा ने पकड़ी रफ्तार
नगर में जमकर जुआ और सट्टे का खेल होता है,यही नही रात की चांदनी में खुलेआम शराब की बिक्री होती है पर इस पर बिधायक द्वारा कोई एक्शन नही लिया गया दिया गया तो सिर्फ बढ़ावा,आखिर इस मेटर से बिधायक बेशक परिचित ना हो पर उनके कार्यकर्ताओं नगर में जमकर कराया था।क्योकि अगर पार्टी का कार्यकर्ता कोई कार्य करता है तो उसका श्रेय प्रतिनिधि को जाता है।
कुछ ऐसे गांव जहाँ पहुँचे ही नही थे प्रतिनिधि
बिसौली विधानसभा के कुछ ऐसे गांव है जहाँ जीतने के बाद अथबा जीतने से पहले भी बिधायक ने जाने की जरूरत नही की।आखिर क्यों वो क्या इंसान नही है।क्या उन्होंने बोट नही दिया था कारण क्या था??
युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी बिसौली विधानसभा में ही रहते है
युवा मौर्चा के जिलाध्यक्ष गोविंद स्वरूप पाठक भी अपने कुछ साथियों को समझाने में असफल रहे आखिर क्यों?पूरे चुनाव में पाठक सिर्फ मुख्य कार्यक्रमो में ही नजर आते थे उसके बाद वो न जाने कहा लुप्त हो जाते थे।
सजातीय बोटो पर नही बना पाए अपनी पकड़
इस हार का सबसे बड़ा कारण जो चर्चा में है वह यह है कि विधायक कुशाग्र सागर ने सबसे ज्यादा प्रयास अपने सजातीय वोटों पर किया। इस वजह से भाजपा का कोर वोटर उनसे नाराज भी बताया जा रहा है इसके बावजूद भी उनका ध्यान उसी ओर रहा। लेकिन सजातीय वोट तो बसपा का कोर वोटर है और वह वहीं रहा। विधायक व उनके समर्थकों को 50 प्रतिशत से अधिक वोट की उम्मीद थी लेकिन उनका यह अंदाजा फेल गया। अधिकांश लोग बसपा प्रत्याशी को 15 हजार के आस पास वोट बता रहे थे जबकि बसपा प्रत्याशी को 23400 वोट मिलना सिद्ध करता है कि बसपा का कोर वोटर उसके साथ ही रहा।
विधानसभा में सबसे बड़ा एजेंडा रहा एससी एक्ट
विधानसभा क्षेत्र में लगातार एससी एक्ट के मामले से सवर्णों में हा हा कार मचा हुआ था पर आखिर करे क्या जो सीने पर एक बार वार कराए क्या उसे कोई देखना करेगा पसंद।
बिधायक कार्यालय पर नही था कोई सुनने बाला
बिधायक द्वारा एक ऐसे ब्यक्ति के लिए अपना प्रतिनिधि बनाया जिन्होंने सिर्फ अपनो की ही बात सुनी इसके अलाबा किसी बात सुनने की जरूरत ही नही की।जिससे लोग नाराज थे पर चुनाव आने से कुछ समय पूर्व ही बिधायक ने उन्हें हटाकर वहाँ एक ऐसे ब्यक्ति के लिए बैठाया जोकि सबकी सुने खास इसलिए बीजेपी ने अपने खाते में बढ़त बनाई अन्यथा इतना मिलने की नही थी उम्मीद।
कुछ तो ऐसे नेता थे जोकि कार्यालय से गाड़ी लेकर करते थे मस्ती
आपको बता दे बिसौली में विधानसभा चुनाव में ऐसा खेला हुआ जो बताते हुए भी तो हसीं आ रही है।कुछ नेता तो कुछ दिन पहले भाजपा में शामिल होते है।और कार्यालय अपने नाम एक गाड़ी आवंटित कराते है इसके बाद अपनी रिश्तेदारियों में घूमते नजर आए ,और औपचारिकता के लिए दो चार फोटो अथबा चार पाँच नाम लिखकर कार्यालय पर दिखा दिए और बन गए बिधायक के करीबी।
नगर के नेताओ ने की जमकर मेहनत पैरों में पड़ गए छाले
नगर में हमेशा भाजपा के लिए समर्पित रहने बाले कुछ कार्यकर्ताओं ने जमकर मेहनत की उन्होंने दिन रात एक कार दिए थे,जैसे बिसौली के चर्चित चेहरे भाजपा के जिलाउपाध्यक्ष दुर्गेश बाष्णेय,मोंटी महाजन,नितिन महाजन,विश्व हिंदू शक्ति संघठन के युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मनु शर्मा परशुराम भक्त,शिवम शर्मा, मनोज टाटा,नितिन मिश्रा छोटा मोदी,रतनदीप राजौरिया, नीरज शर्मा, जगतपाल मिश्रा समेत अन्य कार्यकर्ताओ ने जमकर किया प्रचार।बही नगर की महिला मोर्चा की तो बात ही नही है कुछ आपको बता दे महिला शक्ति ने नगर सहित अन्य ग्रामो में जमकर बोट मांगे,जैसे महिला मोर्चा में संगीता रस्तोगी, सरिता बाष्णेय,कृष्ना गुप्ता,
महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष विमल भारद्वाज और नगर अध्यक्ष सविता शर्मा ,
हंसमुखी मौर्य, कीर्ति शर्मा समेत अन्य महिला दल ने भी जमकर किया प्रचार।
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