बलरामपुर
एम. एल. के. पी.जी. कॉलेज बलरामपुर के आई.क्यू. ए. सी. के तत्वावधान में शनिवार को *दो दिवसीय ई- राष्ट्रिय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ*। संगोष्ठी ने लगभग 11 राज्यों के शिक्षाविदों ने नई शिक्षा नीति की प्रासंगिकता पर चर्चा की।
संगोष्ठी का शुभारंभ महाविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष महाराजा जयेंद्र प्रताप सिंह, सचिव प्रबंध समिति, लेफ्टि, कर्नल आर.के. मोहन्ता, संयुक्त सचिव बी.के. सिंह ने किया। संगोष्ठी में उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, सिद्धार्थनगर के कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 उज्ज्वल भारत-श्रेष्ठ भारत बनाने की दिशा में बढ़ने के साथ साथ युवाओं को लोकल से ग्लोबल तथा जड़ से जगत तक जुड़ने में एक सार्थक प्रयास है। भाषा संस्कृति का वाहक है इसलिए जब बालक अपनी मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करेगा तो वह अपनी संस्कृति का सम्मान करने के साथ साथ परिश्रम के महत्व को भी समझेगा। नई शिक्षा नीति युवाओं को अवसाद से बचाने के लिए लाभकारी होगा तथा बहुभाषी समृद्ध समाज राष्ट्रीय एकता स्थापित करेगी। मुख्य वक्ता वनारस हिन्दू विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय के प्रो सुनील कुमार सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति समृद्ध भारत का प्रवेश द्वार है। इसके माध्यम से राष्ट्रीय आकांक्षाओं को सिर्फ सरकारी योजनाओं से ही नहीं पूरा किया जा सकता बल्कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए शिक्षकों को भी आगे आना होगा। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ आर के सिंह ने अतिथियों का स्वागत एवं संगोष्ठी के आयोजन के उद्देश्य बताते हए कहा कि भारत बृहत्तर युवाओं का देश है ऐसे में शिक्षा नीति की प्रासंगिकता तभी है जब वह युवाओं को कौशल सम्पन्न व रचनात्मक बनाये। संगोष्ठी में बरेली कॉलेज के डॉ अवधेश चन्द्र त्रिपाठी सहित 11 राज्यों के शिक्षाविदों ने नई शिक्षा नीति पर गहन चर्चा की। भौतिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ अरविंद द्विवेदी ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया जबकि संगोष्ठी का संचालन आई क्यू ए सी के संयोजक डॉ आर के पांडेय ने किया। डॉ मोहिउद्दीन अंसारी व डॉ जे पी पांडेय ने सह संचालक की भूमिका निभाई। डॉ प्रमिला तिवारी ने स्वस्तिवाचन से कार्यक्रम का शुभारंभ व राष्ट्रगान से समापन कराया। संगोष्ठी में भाग लेने वालों की उत्सुकता का प्रमाण इसी बात से लगाया जा सकता है कि गूगल मीट पर जुड़ने वालों की संख्या अधिक होते देख उसकी बाध्यता को देखते हुए महाविद्यालय के लाइव यू ट्यूब चैनल पर लोगों को जुड़ने की अनुमति प्रदान की गई। संगोष्ठी में महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब,झारखंड, छत्तीसगढ़ ,मध्यप्रदेश व राजस्थान के 79 प्रतिनिधि गूगल मीट तथा 1400 प्रतिनिधि लाइव यू ट्यूब चैनल से जुड़े तथा वक्ताओं तक प्रतिक्रिया भेजकर अपनी जिज्ञासा को भी शांत किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षकों व छात्र - छात्राओं का सराहनीय योगदान रहा।
*रिपोर्ट बलरामपुर यूपी से वेदप्रकाश मिश्रा*
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