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हे राम हमारी नाव चली जरा बल्ली कृपा की लगा देना....

बिसौली (बदायूं)। नगर में बदायूं रोड पर चल रही प्राचीन रामलीला हत्सा बिसौली अपना 176वां वर्ष मना रहा हैं, जिसमें ड्रामेटिक क्लब हत्सा द्वारा रात्रि रामलीला केवट सम्बाद हुआ जिसमें राम जब सरयू नदी पर पहुँचते तो और बहा खड़ी नाव को देखकर मल्लाह को आवाज लगाते हैं। मल्लाह वहा पहुँचता हैं और वह पहले राम लक्ष्मण सीता के पैर धुलता हैं काफी देर तक चरण निहारता हैं, तब राम द्वारा बिनती करना उसके बाद मल्लाह जिसका नाम केवट था वो कहता हैं हे प्रभु आपने उस जन्म में तो आपने अपने पैर नही छूने दिए अब तो इस जन्म में छूने दो फिर केवट ने अपने पूर्व जन्म की कथा सुनाई और कहा कि जब में पूर्व में कछुआ योनि में था तब छीर सागर में घूमते घूमते आपके पास पहुंच गया तो कहि लक्ष्मण जी अपनी फसकार मारकर मुझे भगा देते तो कहि लक्ष्मी जी अपने हाथ से हाथ देती, अपनी पूर्व जन्म की कथा सुनाकर केवट नाव को लेकर चलता हैं और रास्ते मे कहता हैं कि हे राम हमारी नाव चली जरा बल्ली कृपा की लगा देना उस पार पहुँचने पर राम द्वारा मल्लाह को अंगूठी देना मल्लाह द्वारा अंगूठी नही लेना फिर मल्लाह कहता हैं तुम आये हो घाट हमारे हम आएंगे घाट तुम्हारे तब तुम पार लगाइयो पार।यह सुनकर राम बहा से चल देते है।इसके बाद मुनि सुतीक्ष्ण के आश्रम पहुंचे जहां सुतीक्ष्ण द्वारा अपने गुरु से अलग रहने के बारे में बताया, और कहा घिस घिस चंदन पुनि पुनि पानी शालग्राम घिस गए तो हम क्या जानी,सुतीक्ष्णने अपने गुरु से श्री राम जी के लिए मिलवाया, ड्रामेटिक क्लब हत्सा द्वारा बड़ी ही तयारी से हकीम ताराचंद नाटक खेला गया जिसमें जगतपाल मिश्रा द्वारा अहम भूमिका निभाई गई।केवट गिरीश मिश्रा,सुमंत जीतेश,विनायक, नवनीत,प्रिंस समेत समस्त क्लब और कमेटी के समस्त पदाधिकारी मौजूद रहे।
संचालन राजेन्द्र मिश्रा ने किया।

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