सहसवान बदायूँ।
बहुजन समाज पार्टी के सहसवान प्रत्याशी ने कहा कि
"निराश हूँ लेकिन हताश नहीं"
हम अपने सभी वोटरों और सपोटर का दिल की गहराईयों से शुक्रिया अदा करते हैं, एक बात और कहना चाहुंगा, यह कभी मत सोचना कि इलेक्शन खत्म हो गया तो अब कोई रिश्ता नहीं रहा, वह और लोग होते होंगे जो इलेक्शन हारने के बाद नजर नहीं आते लेकिन हमारा जो रिश्ता है वो एक पारिवारिक रिश्ता है हमने आपको हमेशा अपने परिवार का सदस्य समझा है जिस प्रकार पहले भी हर दुख और सुख में कंधे से कंधा मिलाकर अपने लोगों के साथ हम खड़े थे वैसे ही आगे भी उसी जोश के साथ खड़े रहेंगे किसी भी मेरे भाई को अगर कोई परेशानी हो तो वह पहले की तरह ही कभी भी हमें कॉल के माध्यम से या मिलकर अपनी परेशानी को साझा कर सकता है अपने आप को कभी अकेला न समझना,
पुनः एक बार फिर अपने वोटरों का दिल से बहुत बहुत शुक्रिया,
बसपा के परिणाम से मुझे कोई आश्चर्य नहीं क्यूंकि बहुजन समाज पार्टी नेताओ के अभाव में अपने इतिहास का सबसे कमजोर चुनाव लड़ी, क्यूंकि बसपा के अधिकतर नेता सपा मुखिया द्वारा धोके से एमएलसी और दर्जा राज्य मंत्री के प्रलोभन देकर तोड़ लिए गए थे ऐसी परिस्थितियों में बसपा की 1 सीट आयी हमे मंज़ूर है,
जबकि समाजवादी पार्टी अपने इतिहास का सबसे मजबूत चुनाव लड़ी, मुसलमानो को भाजपा का डर दिखा कर एक तरफ़ा अपने पाले में लेने के बाद भी सपा अपने गढ़ मैनपुरी तक में भाजपा को नहीं रोक पायी जो इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि केवल मुस्लमान ही समाजवादी का रथ ढोये फिर रहे थे, इसीलिए अब मुझे यक़ीन है कि भविष्य में मेरी कौम एक मज़बूत सियासी ठिकाना तलाश करेगी और पुनः बसपा से जुड़कर अपने वजूद को कायम करेगी और फ़र्ज़ी प्रलोभनो में आये तमाम नेता जल्द ही घर वापसी करेंगे,
सत्ता में हम नहीं आये कोई बात नहीं राजनीति चले या न चले, सरकार बने या न बने सामाजिक परिवर्तन की गति कभी रुकनी नही चाहिए, चुनाव हारे हैं हिम्मत नहीं ...
“संघर्ष पथ पर जो भी मिले यह भी सही वो भी सही"
सह सम्पादक अर्जुन उपाध्याय
9412601927
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