बदायूँ
बिसौली तहसील का नाम अन्य तहसीलों की अपेक्षा ज्यादा लिया जाता है,पर चुनाव हो या फिर पोस्टर लगवाना,या इसके अलाबा अन्य कोई कार्य हो उसमें नगर के सम्मानित ब्यक्ति समाजसेवी, वरिष्ठ समाजसेवी नेता फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम को अपनी बड़ाई करते करते नही थकते है,उस पर तो ऐसा लगता है की यह कितने बडे समाजसेवा करने बाले है।पर सावन का महीना चल रहा है,तेरस का दिन लोगो अथबा कावड़ियों के लिए समाजसेवीयो द्वारा बिसौली छोड़कर अन्य जगहों पर फल पकौड़ी इत्यादि का वितरण किया गया।पर एक बिसौली कस्वा ऐसा अछूता रहा की ऐसा लगा की बड़े बड़े दावे करने बाले समाजसेवी सावन के महीने में तेरस के दिन बिसौली को छोड़कर ही चले गए हो।बिसौली में कावड़ियों के लिए कोई व्यवस्था नही रही।बड़ा ही सोचनीय विषय रहा जिस समय समाजसेवियों के लिए आगे आना चाहिए उस जगह समाजसेवी ,नेता गायब हो गए।वही बिसौली कोतवाली प्रभारी संजीव शुक्ला मय फोर्स के साथ लगातार कावड़ियों के लिए सूक्ष्म जलपान,अथबा पानी की ब्यवस्था की जो कि रानेट चौराहा,अटल चौक पर लगातार बिसौली पुलिस की तरफ से चलती रही।यही कहना होगा की बिसौली में बड़े बड़े दावे करने बाले समाजसेवी आज धरातल पर नही दिखाई दिए।आखिर क्या यह समाजसेवा करना सही नही है।एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कावड़ियों के ऊपर पुष्प वर्षा कर रहे है,तो वही बिसौली के समाजसेवी,नेता अपने अपने घरों में चैन की नींद सो रहे है।
लेखक:अखिलेश कुमार मिश्रा
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