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बर्तमान सरकार पर तंज कसने बाली प्रज्ञा मिश्रा खुद ही फंस गई हैं अपने ही कलापो में,नही दे पा रही है जबाब



हमेशा चर्चाओं की सुर्खियों में रहने पत्रकार प्रज्ञा मिश्रा जोकि बर्तमान सरकार के खिलाफ हमेशा अपनी बकलोल पत्रकारिता के लिए मशहूर है।आपको बता दे प्रज्ञा मिश्रा लखनऊ की रहने बाली है,इनकी देश के बड़े पत्रकारों में गिनती आती है।प्रज्ञा मिश्रा ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखती है पर इन्होंने शादी भारत समाचार में काम करने बाले भरत यादव के साथ कर ली।आपको बता दे यादव परिवार में शादी करने के बाद भी प्रज्ञा ने अपना सर नेम नही बदला।हमेशा दूसरों के लिए अपने सच्ची पत्रकारिता के घेरे अपने सबालो मे अच्छे अच्छे लोग गुमराह कर देती है।पर इस बार प्रज्ञा मिश्रा खुद ही फंस गई जबाब देना भी मुश्किल पड़ गया है।आपको बता दे प्रज्ञा मिश्रा द्वारा अपने ट्विटर हेंडिल से एक पोस्ट डाली जोकि हल्दी राम कम्पनी से ताल्लुक रखती थी।उस पर प्रज्ञा मिश्रा ने लिखा.
हल्दीराम पर उर्दू में लिखा विवरण देखकर कट्टरपंथियों को ये समझ ही नहीं आ रहा है कि..पहले उर्दू को खाना है या फिर पैकेट के भीतर भरे पदार्थ को..लड़ाई हल्दीराम के मालिक अग्रवाल जी से है..अब्बास जी से होती तो..हल्दी राम की बत्ती गुल और बिस्तरा गोल हो चुका होता...

इसी को लेकर प्रज्ञा मिश्रा के ट्विटर हेंडिल पर धमाल मचा गया.लगातर कमेंट आने सुरु हो गए पर कोई जबाब नही दे पा रही हैं प्रज्ञा मिश्रा 
एक अनास नाम का यूजर लिखता है.अगर तुम्हारी औकात है तो उर्दू में लिखबाना बंद करो,सब कुछ बीजेपी के हाथ मे है,ये कोई मुस्लिम कम्पनी नही है.
दिमाग लगाओ जरा दिमाग लगाओ

असद माही नाम का यूजर लिखता है..अपने पापा से कहकर बंद करा दो हम मान जाएंगे
शिवांसु सूर्या नाम का यूजर लिखता है..
दो सवाल १. उर्दू का प्रयोग सिर्फ नवरात्रि वाले पैकेट पर ही क्यों? अन्य पैकेट पर क्यों नही? कभी किसी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की पैकेजिंग पॉलिसी पढ़ो २. मुस्लिम तो नवरात्रि व्रत रखता ही नही तो किसको उर्दू पढ़ाना है? 
इसका जवाब दे दो तो समझूं कि कुछ अकल भी है या फर्जी पत्रकार हो।

भरद्वाज नाम का यूजर लिखता है..अबे गोबर दिमाग पैकेट पर साफ लिखा है इम्पोर्टेड bay दुबई लेकिन गोबर भक्तों बस हर जगह गोबर नजर आता है।
एक कलम के सिपाही यूजर ने अयोध्या जंक्शन का फोटो डालकर लिखा है ...यह भी हिंदू तीर्थस्थल है और मुस्लिम जाते नहीं तो उर्दू में क्यों?
अबे नफ़रती चिंटू, तीन भाषाएं मुख्यत: देश में चलती हैं और तो और यूपी की अधिकारिक भाषा भी हिंदी और उर्दू है। अनपढ़ हो तो एक बार पढ़ लेना ।। गँवार

ऐसे कई कमेंट प्रज्ञा मिश्रा के ट्विटर अकाउंट पर है.जिनमें से किसी का कोई सटीक जबाब ही नही आया है।
आपको बता दे मामला यह है हल्दीराम नाम की एक बहुत बड़ी कम्पनी है जोकि गौतम बुद्ध नगर में जिसमे स्नेक्स का सारा सामान बनता है ।और उस कम्पनी का माल भारत मे ही नही बल्कि बिदेशो में भी जाता है।जिस देश मे जाता उस देश की भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।तो दुबई जाने बाले माल पर अरबी भाषा मे लिखा था,जिसे प्रज्ञा मिश्रा ने उर्दू समझ समझकर तत्काल अपने एकाउंट से डाल दिया।पर इसे पड़ते ही कमेंट पर कमेंट आने सुरु हो गए।और जमकर फजीहत हो रही है।

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