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योगी सरकार के सख्त आदेश के बाद भी नगर में सक्रिय है भूमाफिया



लेखक :अखिलेश कुमार मिश्र


बिसौली(बदायूँ)
नगर में कुछ सत्ताधारी नेताओ की सरपरस्ती से भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं।आपको बता दे प्रदेश में बैठी भाजपा सरकार की कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हंटर प्रदेश के कई बाहुबलियों पर चल चुका है।इसके बाद भी बिसौली के भूमाफिया इसे लेकर नदारद नजर आ रहे है ।आखिर क्यों?क्या इन्हें प्रशासन का कोई भय नही है।आपको बता दे पिछले दिनों कुछ अखबारों की सुर्खियां बनी बिसौली बिल्सी मार्ग पर स्तित धुविया ताल जिसकी खबर अखबारों में आई।जिस पर कुछ भूमाफियाओं द्वारा अवैध तरीके से कब्जा कर उस पर निर्माण करा रहे थे।पर बिसौली प्रशासन इस बात को लेकर वेखबर था।जब अखबारों की कलम पर तहसील प्रशासन की निगाह पड़ी।इस पर नगर की तेज तर्रार एसडीएम ज्योति शर्मा ने ईओ नगर पालिका बिसौली के लिए तत्काल आदेश कर आख्या मांगी ।आनन फानन में ईओ बिसौली पालिका नवनीत कुमार द्वारा एसडीएम के आदेशानुसार अवैध तरीके से हो रहे निर्माण के लिए बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।बुलडोजर से ध्वस्त होते देख अन्य भूमाफियाओं में हड़कंप मच गया।सूत्रों के मुताविक जहाँ सालों पहले एक तालाब था,जिस पर नगर अथबा आस पास के लोग कपड़े धोते थे ,कपड़े धोने के कारण उस तालाब का नाम धुविया ताल पड़ गया और वह प्रसिद्ध होगया।सपा शाशन काल मे भी भूमाफियाओं द्वारा इस पर कब्जा करने का प्रयास किया गया पर सभी भूमाफिया कब्जा करने में विफल रहे।प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ तो फिर उन भूमाफियाओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया और अपने आप को बिधायक का करीबी बता कर अधिकारियों को धौस दिखाकर अपना कार्य कराने में लग गए।अब योगी सरकार का पार्ट 2 शुरू हो गया है जो भूमाफिया पिछली बार शिकंजे में आने से बच गए शायद अगर प्रशासन ध्यान दे तो बिसौली से उनका नम्बर भी आ सकता है।सूत्रों के मुताबिक कुछ भूमाफियाओं अथबा उनके गुर्गों का कहना है की हमारे पास घुविया ताल के कागजात है।आखिर शदियों यह एक तालाब था ।पर इन भूमाफियाओं के पास इसके कागज आये तो आये कहा से इसकी जाँच होनी चाहिए।न जाने इस ताल में कितने अधिकारियों की भी गले मे रस्सी अटक सकती है।और वो भी बुलडोजर की चपेट में आ सकते है।योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश के बाद बदायूँ में डीएम द्वारा समस्त उपजिलाधिकारीयो के लिए सख्त आदेश दिए गए है।की भूमाफियाओं की लिस्ट को तैयार कर उनसे जमीनें कब्जा मुक्त कराई जाए।इधर मुख्यमंत्री के सख्त आदेश है की प्रदेश में ताल तलैया सभी से कब्जा मुक्त कराकर सौदर्यीकरण कराया जाए।इधर डीएम के निर्देश के बिसौली की उपजिलाधिकारी ज्योति शर्मा ने तत्काल अधिकारियों से मीटिंग कर साफ निर्देश दिए कि जितने भी अवैध कब्जाधारी भूमाफिया है उनकी लिस्ट तैयार की जाए।इधर एंटी भू माफिया टास्कफोर्स में बिसौली तहसील के 11 भूमाफियाओं को चिन्हित  कर कारवाई की जाएगी। इसके लिए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। इस कारवाई में व्यवधान उत्पन्न करने वालों पर भी सख्त कारवाई की जाएगी।इसके लिए ज्योति शर्मा ने सभी विभागों के प्रमुखों से कहा कि अपने विभाग की भूमि का ब्योरा तैयार करें अगर किसी सरकारी विभाग की भूमि पर किसी दबंग का अवैध कब्जा है तो उसे तत्काल खाली कराया जाएगा। इसकी सूची बनाकर तत्काल ही उपलब्ध कराऐं।इधर एसडीएम ने कहा की अगर इसमें चूक की गयी। तो संबंधित के खिलाफ कारवाई की जाएगी। इसके साथ ही बिसौली तहसील में 11 लोगों को भूमाफिया की श्रेणी में डाला गया है। यह भू माफिया दबंग हैं इसलिए इनके खिलाफ कारवाई के लिए भी कडे कदम उठाए जाऐंगे।जब एसडीएम के आदेश पर ईओ बिसौली में धुविया ताल पर हो रहे अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया तो भूमाफिया अधिकारियों के चक्कर लगाने लगे।सूत्रों के मुताविक प्राप्त जानकारी के अनुसार भूमाफिया लगातार जमीन पर अपना कब्जा दिखाने के लिए लगातार नगर पालिका के ईओ के पास चक्कर लगा रहे है।अगर इस धुविया ताल की जगह की  गहनता और ईमानदारी से जाँच हो तो ओर पास बनी बिल्डिंगों पर भी नम्बर लग सकता है।इसी के साथ साथ नगर के कई अधिकारियो की भी गर्दन इस ताल में फंस सकती है।क्योकि अवैध कब्जा करने से पहले भूमाफिया किसी न किसी अधिकारी के लिए अपने साथ जरूर लेते ताकि उस पर कोई कार्यवाही जल्दी न सके।आखिर कभी बसपा तो कभी समाजबादी, कुछ नही तो फिर भाजपा के पूर्व बिधायक समेत अन्य बरिष्ठ कार्यकर्ताओं के लिए अपना करीबी बताते है।इस ईमानदार सरकार के लिए इन आस्तीन के सर्पो द्वारा बदनाम मारने की कोशिश की जा रही है,।इन चंद लोगो की बजह से ही बिसौली बिधानसभा में बीजेपी की हार का कारण हो सकता है।आखिर देखते एसडीएम महोदया कब होगा आदेश और चलेगा भूमाफियाओं द्वारा कब्जा की गई जमीनों पर बुलडोजर।

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