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बिसौली::तुम क्या जानो नेता बनने की खातिर,तन मन धन और समय खपाना पड़ता है..अवजीत "अवि"




बिसौली(बदायूँ)
के0बी0हिंदी सेवा न्यास (पंजी0)की लगातार 74वीं मासिक काव्य संध्या का आयोजन नगर के आर0के0इंटरनेशनल स्कूल में किया गया।अध्यक्षता श्री सुग्रीव वार्ष्णेय "अमन"ने की।मुख्य अथिति श्री आनंद कुमार दुबे रहे।संचालन विजय कुमार सक्सेना ने किया।शुभारम्भ मंचासीन अथितियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ।वाणी वन्दना डॉ0सतीश चंद्र शर्मा "सुधांशु"ने पढ़ी।
प्रवीण अग्रवाल"नादान"ने पैरोडी सुनाई-
 तुम क्या जानो नेता बनने की खातिर,
तन मन धन और समय खपाना पड़ता है।
अवजीत "अवि"ने सुनाया-
मुहव्वत की जमाने में कदर ही नहीं होती।
बिना इसके ये जिंदगी बसर ही नहीं होती।
विजय सक्सेना ने सुनाया-
पहले रिश्वत नाम था,अब है सुविधा शुल्क।
आफिस में होता नहीं,कोई काम निशुल्क।
न्यास अध्यक्ष डॉ0सुधांशु ने किसान आंदोलन पर हो रही राजनीति पर सुनाया-
"हैंड पंप" "चश्मा"सहित,
"हँसिया"लेकर साथ।
राह टिकैत बुहारते,"झाड़ू"
लेकर "हाथ"।।
सुग्रीव वार्ष्णेय"अमन"ने कहा-
मयकदे में किसने पी खुदा जाने,मगर
मयकदा मेरी बस्ती के कई घर पी गया।
काका पान सिंह ने कहा-
मेरा भारत देश महान
है राजा नीति निपुण महान
कितना बदल गया इंसान।
श्रीपाल शर्मा ने कहा-
हर चुभन सहकर महकते हैं गुलाबों की तरह,
जानते सब हैं मगर चुप हैं किताबों की तरह।
इस अवसर पर हरस्वरूप शर्मा,आशुतोष शर्मा,कन्हाई लाल गुप्ता आदि उपस्थित रहे।अध्यक्षीय उद्बोधन के बाद गोष्ठी का समापन किया गया।विजय सक्सेना ने सभी का आभार प्रकट किया।

रिपोर्ट.. अरुण कुमार

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