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छत्तीसगढ़::एक दिवसीय प्रवास पर संत गहिरा गुरू के तपस्थली श्रीकोट पहुंचे मुख्यमंत्री,संत गहिरा गुरू के विचार केवल वनांचल ही नहीं अपितु संपूर्ण मानवता के लिए...मुख्यमंत्री





बलरामपुर /छत्तीसगढ़

 *बलरामपुर से कुलेश्वर कुशवाहा की रिपोर्ट*

 बलरामपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बलरामपुर रामानुजगंज जिला के एक दिवसीय प्रवास के दौरान संत गहिरा गुरु की तपोभूमि श्रीकोट में सामजिक कार्यक्रम शामिल होने के पहुंचे। उन्होंने श्रीेकोट आश्रम परिसर में स्थित शिवलिंग का जलाभिषेक तथा दुर्गा मंदिर में पूजा-अर्चना व आरती की। तत्पश्चात उन्होंने गहिरा गुरु के मंदिर में उनको नमन कर प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री भूपेष बघेल ने संत गहिरा गुरू के अनुयायी संत समाज प्रमुखों से भेंट की। साथ ही उन्होंने आश्रम परम्परा के अनुरूप जमीन पर बैठकर भोजन ग्रहण किया। प्रवास के अंतिम चरण में उन्होंने संत समाज के अनुयाइयों के लिए आयोजित सभा को संबोधित कर गहिरा गुरू के विचारों को वर्तमान समय में भी प्रासंगिक और प्रभावी बताया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गहिरा गुरू के जीवन से जुड़े चार प्रमुख केन्द्रों के सौंदर्यीकरण के लिए 10-10 लाख रूपये की राषि प्रदान करने की घोषणा की।
संत समाज के प्रमुखों से मुख्यमंत्री ने की मुलाकात
आश्रम परम्परा के अनुरूप जमीन पर बैठकर किया भोजन
”संत मिलन को जाइए तज मान मोह अभिमान, जस-जस पग आगे धरे कोटि यज्ञ समान” मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सन्त गहिरा गुरु के अनुयायी संत समाज के प्रमुखों से मुलाकात के दौरान उक्त दोहे का पाठ करते हुए संतो के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने गहिरा गुरु के विचारों तथा उनके द्वारा मानवता के लिए किए गए कल्याणकारी कार्यांे को स्मरण करते हुए कहा कि इस पावन धरा पर आकर संतो से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। गुरु जी के विचार तथा मानवता के प्रति उनकी भावना अतुलनीय है। संत समाज के प्रमुखों ने संत गहिरा गुरु के जीवन से जुड़े प्रमुख स्थानों के संरक्षण और संवर्धन का आग्रह किया। संत प्रमुखों के आग्रह पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ के सभी संतो और गुरुओं के सम्मान तथा उनसे जुड़े स्थानों के संरक्षण के लिए कार्य किया है। उन्होंने संत गहिरा गुरु के समाज के प्रति अमूल्य योगदानों का उल्लेख करते हुए कहा कि मैं पूर्ण विश्वास दिलाना चाहता हूं कि उनसे जुड़े समस्त स्थानों के संरक्षण और संवर्धन के लिए शासन प्रतिबद्ध है और इस दिशा में प्रयास करेगी। इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आश्रम परिसर में परंपरा के अनुसार जमीन पर बैठकर भोजन ग्रहण किया। आश्रम में सात्विक और स्थानीय भोजन मुख्यमंत्री को परोसा गया। मुख्यमंत्री ने बड़े चाव के साथ भोजन ग्रहण किया। भोजन ग्रहण करने के पश्चात उन्होंने कहा कि आश्रम की जीवनशैली पुराने दिनों का स्मरण कराती है।
मुख्यमंत्री का हेलीपेड पर भव्य स्वागत
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आज श्रीकोट, कुसमी आगमन पर हेलीपेड में भव्य स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री यहां श्रीकोट में संत गहिरा गुरुजी के सामजिक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान नागरिक आपूर्ति एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव एवं सामरी विधायक चिंतामणि महाराज, सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह, सरगुजा कमिश्नर सुश्री जी किंडो, पुलिस महानिरीक्षक श्री आर पी साय, कलेक्टर श्याम धावड़े, पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती तुलिका प्रजापति कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरविंद तिवारी सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
गहिरा गुरू के अनुयायियों को मुख्यमंत्री ने किया सम्बोधित
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संत गहिरा गुरु के अनुयायियों के लिए आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु जीवन में प्रकाश भरने का कार्य करते हैं तथा अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। संत गहिरा गुरु अपने समय के सबसे बड़े संत थे जिन्होंने जीवन जीना सिखाया एवं सनातन समाज की रक्षा तथा मानवता के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने सत्य, शांति, दया, क्षमा जैसे विचारों का समर्थन करते हुए इसे आगे बढ़ाया तथा चोरी, दारी हत्या, मिथ्या जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। गहिरा गुरु के विचार केवल वनांचल के लिए ही नहीं अपितु संपूर्ण मानवता के लिए है। संतो से मिलने से मन को शांति मिलती है और यह अवसर मुझे बार-बार प्राप्त हो रहा है। गुरु जी ने अपने जीवन काल में जो महत्वपूर्ण कार्य किए हैं उनके विचारों की झलक हमारे सरकार के कार्यों में दिख रही है। गुरुजी ने षिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विद्यालय खोलें तथा समाज से कुरीतियों को दूर किया। राज्य सरकार ने भी षिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलें, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, खाद्य सुरक्षा, पशुधन की सेवा तथा गांव को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों कि जो भी मांगे रही हैं उन्हें समय- समय पर पूरा किया गया है तथा क्षेत्र का विकास शासन की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संत गहिरा गुरु के विचारों को वर्तमान में भी प्रासंगिक बताते हुए उनके जीवन से जुड़े चार प्रमुख केन्द्रों के संरक्षण तथा सौंदर्यीकरण के लिए 10-10 लाख रूपये की राशि प्रदान करने की घोषणा की है
तत्पष्चात छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार लोक, कला एवं सांस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने किसानों को पूरा हक दिलाते हुए 92 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी की है। शासन द्वारा किसान हितैषी माॅडल नरूवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी तथा गोधन न्याय योजना को विष्व व्यापी पहचान मिली है जिसने सरकार के प्रति आमजनों का भरोसा बढ़ाया है। इसके पष्चात संसदीय सचिव एवं सामरी विधायक श्री चिन्तामणी महाराज ने मुख्यमंत्री श्री भूपेष बघेल के संत गहिरा गुरू की तपस्थली श्रीकोट आगमन पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जिन विचारों को गुरूजी ने स्थापित किया था, आपने संत समाज के वेष-भूषा में आकर इन विचारों का दृढ़ता से समर्थन किया है। मुख्यमंत्री की सहृदयता ही है कि उन्होंने इस क्षेत्र की जनता के मांगों का सम्मान करते हुए अनेकों कार्य स्वीकृत किये हैं तथा आगे भी क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करने हेतु आपके बीच उपस्थित होकर अपने संकल्प को दोहराया है। इस दौरान संसदीय सचिव श्री चिन्तामणी महाराज तथा संत समाज के प्रमुखों द्वारा मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
इस अवसर पर सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह, सरगुजा कमिश्नर सुश्री जी किंडो, पुलिस महानिरीक्षक आर पी साय, कलेक्टर श्याम धावड़े, पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती तुलिका प्रजापति, कुसमी नगर पंचायत के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अरविंद तिवारी जिला कांग्रेस कमेटी जिला सचिव आफताब आलम जिला कांग्रेस सयुक्त महामंत्री अंजुम अंसारी जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक सहित बड़ी संख्या में संत गहिरा गुरू के अनुयायी उपस्थित थे।

रिपोर्ट.. कुलेश्वर कुशवाह

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