बलरामपुर। जिले सहित तीनों तहसील सदर, तुलसीपुर व उतरौला में कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए क्षेत्र मे दसवीं मोहर्रम के मौके पर निकलने वाला ऐतिहासिक यौमे आशूरा का जुलूस नही निकला।जानकारी के अनुसार उतरौला सहित जिले भर में मोहर्रम सैकडो साल पुरानी अपनी ऐतिहासिकता को समेटे हुए है। लेकिन इस बार कोरोना को देखते हुए मोहर्रम कमेटियो और अकीतदमंदो ने मोहर्रम की नवी रात मे कोई ताजिये नही रखा। इस दौरान दसवी मोहर्रम के दिन यौमे आशूरा का जुलूस भी नही निकाला गया।कोरोना के चलते शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो की नामी गिरामी बेशकीमती
ताजिए इस बार आंखों से ओझल नजर आए। कर्बला में शहीद हुए इमाम हुसैन व उनके 72 जां निसार साथियों की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम का सादगीपूर्ण ढंग से मनाया गया। मुस्लिम समुदाय के सुन्नी जमात व शिया समुदाय के लोगों ने अपने अपने घरों में इमाम हुसैन के नाम पर नियाज नज्र फातिहां कर गम का इजहार किया। क्षेत्र में मनौती के रूप में ताजिया रखने वाले अकीदत मंद छोटे छोटे ताजिए व अलम घर में रखकर कर्बला के शहीदो खिराजे अकीदत (श्रद्धांजलि) पेश किया और अपने गमों का इजहार किया। कोरोना ने जहां लोगों को इलाके में मशहूर ताजिया रखने से महरूम रखा वहीं बड़े बूढ़े समेत छोटे छोटे बच्चों की ताजिया देखने की ललक अधूरी धरी रह गई। मोहर्रम को सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मनाए जाने के लिए पुलिस की टीम ने रात भर गश्त करती नजर आयी।
*रिपोर्ट बलरामपुर यूपी से वेदप्रकाश मिश्रा*
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